जवान आँखें
घूरे हैं जब इन
बूढ़ी आँखो में
मन ही मन
हंस कर वो देखे
उनके कल
कैसे जहर
कहाँ से आया कोइ
हमे बताये
मेरे अपने
सभी हुए पराये
माने न मन
चलो यहाँ से
दूर कही अब रे
लगे न मन
मेरे बिना भी
जी लेंगे यह सब
कहे ये मन
मन मारो भी
पीछे न देखो अब
चलो भी अब
कितने बैठे
हैं मेरे जैसे साथी
चल रे मन
घूरे हैं जब इन
बूढ़ी आँखो में
मन ही मन
हंस कर वो देखे
उनके कल
कैसे जहर
कहाँ से आया कोइ
हमे बताये
मेरे अपने
सभी हुए पराये
माने न मन
चलो यहाँ से
दूर कही अब रे
लगे न मन
मेरे बिना भी
जी लेंगे यह सब
कहे ये मन
मन मारो भी
पीछे न देखो अब
चलो भी अब
कितने बैठे
हैं मेरे जैसे साथी
चल रे मन
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