लम्हा भी उसे याद किए बिना निकलता नहीं,
मेरे जहन से गये वक़्त सा गुज़रता नहीं|
वो मेरी रूह है साँसों में वो ही बसता है,
बगैर उसके मेरा दिल कभी धारकता नहीं|
हज़ार लोग मेरी राह से गुज़रते हैं,
वही है एक इधर कभी निकलता नहीं|
भले कहे कि वो कुछ नहीं मुझ से निस्बत,
उसकी नज़र मेरा प्यार सा झलकता नहीं|
'निशा' सब क समझने से फ़ायदा क्या हैं?
जिसे समझना है जब वो ही समझता नहीं|
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